...यादें...
शब के तीसरे पहर में, जब सारा जहान
नींद की आगोश में होता हैं
तब मैं तेरी यादों का आंचल ओढ़ कर
उसमे खो सा जाता हूं।
फिर मुझे तेरी जुदाई का,
दर्द रुलाता है
और तेरे साथ बिताए लम्हे,
मेरे लबों पर मुस्कान दे जाते है।
तेरे ख्यालों से मेरे मेहबूब मुझ पर कभी,
दर्द के बादल छा जाते है तो,
कभी खुशियों की बरसात होती है।
तू मेरे शब का सुकून है
तू मेरे इश्क का जोनून है
तुम्हे सोचता हो तो लगता है
जैसे मेरी इबादत क़बूल है
जब दिल में तेरी यादों का दीया जलता है,
तो अक्सर में अपनी जिंदगी की,
हकीकत भूल जाता हूं।
दुनिया की रिवायत तोड़ देता हूं।
अपने दिलकश ख्वाबों को,
ताबीर की उम्मीदों से मय्यासर करता हूं
अपनी दिल की हर इक धड़कनों में,
तेरी आवाज़ सुनता हूं,
रात के अंधेरों में मैं खुद को,
तेरी कुर्बत के अहसास से रोशन करता हूं।
जो तेरी यादें मेरे दिल में है,
मैं हर इक पल तेरी यादों में खोया रहता हूं।
मगर मुझे मालूम है जाना,,
के तू लहासिल है मुझको.,
पर में खुद
को तुझ पर गालिब नही करता।
मैं खुद को
तुझ पर गालिब नही करता।।
Fabulous ☺️
ReplyDeleteShukriya🥰
Delete❤️
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